कभी अंधेरों से ना डरता था मैं, अब उजालों से भी नजरे बचाता हूं मैं।
हमें पता है अब वो हमारे नहीं है, फिर ना जाने क्यों उन्हें अपना बताता हूं मैं।
---दिलीप---
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