Wednesday, May 18, 2011

जिसकी तलाश थी उसको दिल पा गया है..





उनका खुमार हम पर छा गया है।
चेहरे का भोलापन इस दिल को भा गया है।
इक अरसे से मेरी नजरे ढूंढती थी किसी को।
अब लगता है जिसकी तलाश थी उसको दिल पा गया है...
---दिलीप---

यादों को क्या याद करें....















यादों को क्या याद करें ये आंखे नम कर देती है।

अच्छी तो शराब है जो हर गम को मरहम कर देती है।

जिन्दगी अब तु ही बता कैसे तुझसे प्यार करुं।

तेरी हर एक सुबह मेरी उम्र कम कर देती है।

---दिलीप---

Tuesday, May 10, 2011

unka chehra....























मिलते हैं हजार लोग मुझसे एक उन्हीं का चेहरा नजर आता नहीं है।
ये क्या हुआ है मुझे मेरा दिल ही समझ पाता नहीं है।
जब से देखीं है मेरी नजरों ने एक झलक उनकी
ना जाने इस दिल को और कोई क्यों भाता नहीं है....
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दिलीप--

Saturday, May 7, 2011

meri maa......

















माँ तुम्हारे लिए...
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मां तुने हमेशा सिखाया क्या गलत क्या सही है।
मुझे अपने हाथों से खिलाकर तू भुखी रही है।
मैं थोड़ा बदल भी गया पर तू हमेशा वहीं है।
ऐ मेरी मां तेरे बिना मेरी कोई अहमियत नहीं है।
---दिलीप---

Thursday, May 5, 2011

khubsurat zindgi....

















काश! उनकी आंखों में बस हमारी सूरत होती।
हमें उनकी और उन्हें हमारी जरुरत होती।
हम जो चाहते वो हमे मिल जाता अगर,
तो सबकी जिन्दगी कितनी खुबसूरत होती......
---दिलीप---