
माँ तुम्हारे लिए...
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मां तुने हमेशा सिखाया क्या गलत क्या सही है।
मुझे अपने हाथों से खिलाकर तू भुखी रही है।
मैं थोड़ा बदल भी गया पर तू हमेशा वहीं है।
ऐ मेरी मां तेरे बिना मेरी कोई अहमियत नहीं है।
---दिलीप---
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मां तुने हमेशा सिखाया क्या गलत क्या सही है।
मुझे अपने हाथों से खिलाकर तू भुखी रही है।
मैं थोड़ा बदल भी गया पर तू हमेशा वहीं है।
ऐ मेरी मां तेरे बिना मेरी कोई अहमियत नहीं है।
---दिलीप---
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