Saturday, October 1, 2011

क्यों किसी के हिस्से में है खुशी किसी के गम....



किसी की किस्मत में हैं उजाले भरे दिन।

किसी की किस्मत में अंधरे भरी रात है।


किसी की हथेलियां हैं बरसों से खाली।

किसी के हाथों में अपनों का हाथ है।


कोई चाहकर भी नहीं मिल पाता अपनों से।

कोई हर रोज करता अपनों से मुलाकात है।


किसी को नहीं मिलती एक पल की भी खुशी।

किसी को मिलता हर पल हसी सौगात है।


कोई ये नहीं जानता कि ये रोना क्या है।

किसी के आंखों से होती अंसूओं की बरसात है।


क्यों किसी के हिस्से में है गम किसी के खुशी।

जबकी सुना है खुदा रहता सबके साथ है।

---दिलीप--