Sunday, August 29, 2010

सचिन का तराशा हीरा क्यों है धोनी के लिए बेकार

एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के तरासे हीरे सौरभ तिवारी कि चमक नजर नही आई। श्रीलंका में ट्राइसीरीज के फाइनल मुकाबले में भी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सौरभ तिवारी पर भरोसा करने के बजाए रोहित शर्मा पर भरोसा किया और नतीजा ये ह्आ की भारत को हार का सामना करना पड़ा।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के तीसरे संस्करण में मुंबई इंडियन्स के शुरुआती दो मुकाबलों में लगातार धुआंधार अर्धशतक बनाए। उसके बाद सचिन से प्रशंसा और खास तोहफा पाने वाले झारखंड के सौरभ तिवारी ने पहली बार टीम इंडिया में अपनी जगह बनायी। लेकिन उन्हे एशिया कप में एक बार भी अंतिम 11 में खेलने का मौका नहीं दिया गया है। आखिर महेंद्र सिंह धोनी सौरभ तिवारी के साथ ऐसी नाइंसाफी क्यों कर रहे हैं, धोनी को भारत की जीत से ज्यादा इस बात का डर है कि आने वाले समय मे सौरभ तिवारी उनसे आगे ना निकल जाए।

गौरतलब है कि आईपीएल-3 से पहले सौरभ तिवारी के प्रदर्शन से प्रभावित होकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था सौरभ तिवारी ने अपने उस्ताद सचिन तेंदुलकर के विश्वास को कायम रखा।

एक नजर इस आकड़े पर-
1. तिवारी ने अब तक 31 ट्वेंटी-20 मैचों में 31.16 औसत से कुल 748 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 133.09 है।
2. आईपीएल-3 में उपविजेता मुंबई की ओर से 419 रन बनाने के साथ आठवें सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का मुकाम हासिल किया।
3. सौरभ तिवारी झारखण्ड रणजी टीम के कप्तान भी हैं।
4. उन्होंने ने झारखण्ड के लिए 19 प्रथम श्रेणी मैचों में 50.93 के प्रभावशाली औसत के साथ 1579 रन बटोरे।
5. वहीं पिछले रणजी प्लेट डिवीजन में सौरभ तिवारी ने पांच मैचों में तीन शतक लगाए और 98.83 के औसत से 593 रन बनाये।