इक अरसे से अंधेरे में था आज हंसी सुबह की शुरुआत हो गई।आंखे तरस गई थी जिन्हें देखने को आज उनसे मुलाकात हो गई।मिलती थी हर रोज मगर कभी बात करने की सूरत ना हुई।ये खुदा का रहम ही है जो आज उनसे थोड़ी सी बात हो गई....---दिलीप---
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