आंखों में उनकी सूरत दिल में उनका फसाना है।
ये मेरा नादान दिल बस उन्हीं का दिवाना है।
क्या हुआ जो अभी वो दूर रहा करती हैं मुझसे
एक दिन उन्हें वापस मेरे ही पास आना है।
हर पल इस दिल की बस यही है तमन्ना।
कभी न कभी उन्हें अपना बनाना है।
डर लगता है उन्हें कोई छीन न ले मुझसे
उनकी सूरत को अपनी आंखों में छुपाना है।
मेरे अपने कहते है ए नई नई दिल्लगी है।
क्या जाने वो की ए रोग बहुत पुराना है।
प्यार करने वालों को क्यों मिलती है मौत।
क्यों होता इतना बेदर्द ए जवाना है।
क्यों लोगों ने बनाई है अमीरी गरीबी की दिवार।
सब जानते है इक दिन सबका एक ही ठिकाना है
लोग कहते हैं मेरे चेहरे पर वो हसी न रही।
आज मुझे भी दिल खोलकर मुस्कुराना है।
खुदा तेरा उम्र भर एहसान रहेगा मुझपर।
तुने मुझे जो दिया इतना हसी नज़राना है।
--दिलीप--
खुदा तेरा उम्र भर एहसान रहेगा मुझपर।
ReplyDeleteतुने मुझे जो दिया इतना हसी नज़राना है।
वाह दिलीप जी आपने बहुत ही उम्दा और बढिया लिखा है .
suresh@ ji sukriya....
ReplyDelete