कभी-कभी इस दिल को किसी की जरुरत सी लगती है।
इन आंखों को हर इक शक्ल उन्हीं की सुरत सी लगती है।
जब कभी भी लेता हुं उनका नाम अपने नाम के साथ।
तो न जाने क्यों ये ज़िन्दगी और खुबशुरत सी लगती है.....
---दिलीप---
बहुत अच्छा लिखा है
suresh ji sukriya...
बहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeletesuresh ji sukriya...
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