Tuesday, June 28, 2011

बचपन के दिन.....

छोड़ दिया इक दिन तनहा मुझको जो उम्र भर हमारे थे।
कत्ल उसी ने मेरा कर दिया हम जीते जिसके सहारे थे।
ना जाने ये ज़िन्दगी किस मोड़ पर लाई है मुझको।
हमारे लिए तो वो बचपन के दिन ही कितने प्यारे थे....
---दिलीप---

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